राजस्थान भाजपा का एतिहासिक दस्तावेज़ है तिवाड़ी का जवाबी पत्र

Posted: जून 27, 2017 in राजनीतिक, संस्मरण
टैग्स: , , , , , , , ,

भाजपा की केंद्रीय अनुशासन कमेटी के सदस्य प्रो. गणेशीलाल ने मई 2017 में जयपुर, सांगानेर से भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी को नोटिस जारी किया है। उन्होंने तिवाड़ी पर अनुशासन हीनता का आरोप लगाते हुए कुल जमा चार आरोप लगाए थे।

नोटिस .jpg

अनुशासन कमेटी द्वारा तिवाड़ी को दिया गया नोटिस

1 दो वर्षों से लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहना एवं पार्टी के विरुद्ध बयानबाज़ी करना

2 पार्टी की बैठकों में उपस्थित ना होना

3 विपक्षी दलों के साथ मंच साझा करना

4 समानांतर राजनैतिक दल खड़ा करने का प्रयास करना

दरअसल ये नोटिस तिवाड़ी और मुख्यमंत्री वसुंधरा के बीच चल रहे द्वन्द का चरम था। प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी द्वारा दिए गए फ़ीडबैक के आधार पर तिवाड़ी को ये नोटिस जारी किया गया था। मगर इस नोटिस के जवाब में घनश्याम तिवाड़ी ने अपना जो जवाब भेजा, वो एक एतिहासिक धरोहर बन गए है। असल में तिवाड़ी उन नेताओ या यूँ कहे संस्थापको में से एक है जिन्होंने राजस्थान में भाजपा को अपने ख़ून-पसीने से सींचा है। ऐसे में जब उन्हें ही पार्टी ने नोटिस दे दिया तो उनकी पीड़ा सहज ही समझी जा सकती है

तिवाड़ी ने पुरानी यादों और अपने संस्करो और संघर्ष के बरबक्स सहज ही भाजपा की मौजूदा स्थिति को बयान कर दिया है। तिवाड़ी ने अपना जवाब दो अलग अलग पत्रों के माध्यम से भेजा, ये दोनो ही पत्र राजनीति में रुचि लेने वालों हर इंसान को पढ़े जाने चाहिए (विशेषकर दूसरा जवाब)

यहाँ हम आप लोगों को तिवाड़ी द्वारा दिया गया दूसरा जवाब पढ़वा रहे है…

अनुशासन के नोटिस का पहला जवाब

नोटिस का दूसरा जवाब—

टिप्पणियाँ
  1. Priya कहते हैं:

    वाक़ई ज़बरदस्त जवाब दिया है तिवाड़ी जी ने, बोलती बंद कर दी वसुंधरा एंड पार्टी की

टिप्पणी करे